रिजल्ट के लिए अनशन पर बैठे एलटी ग्रेड अभ्यर्थी

हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय का चयन परिणाम फंसा
प्रयागराज। एलटी ग्रेड शिक्षकों के 10768 पदों पर भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के आयोजन को डेढ़ साल पूरे होने जा रहे हैं और परीक्षा के दो सबसे प्रमुख विषयों हिंदी एवं सामाजिक विज्ञान का अंतिम चयन परिणाम अधर में फंसा है। सबसे अधिक 30 फीसदी पद इन्हीं दो विषयों में हैं। रिजल्ट के लिए अड़े अभ्यर्थी मंगलवार से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने क्रमिक अनशन पर बैठ गए हैं। अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि बुधवार को आयोग के अध्यक्ष से उनकी मुलाकात हो जाएगी।
हिंदी और सामाजिक विज्ञान विषय में एलटी ग्रेड शिक्षकों के कुल 3287 पदों पर चयन होना है। परीक्षा पिछले साल जुलाई में आयोजित की गई थी। हिंदी में 1433 और सामाजिक विज्ञान में 1854 पद हैं। इन्हीं दो विषयों में पेपर आउट होने के आरोप लगे थे, जिसकी जांच एसटीएफ कर रही है। आयोग एसटीएफ की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है। वहीं, अभ्यर्थियों का कहना है कि एसटीएफ जांच रिपोर्ट के इंतजार में लाखों अभ्यर्थियों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। पेपर आउट होने के कोई पुख्ता सुबूत भी सामने नहीं आए हैं।
अभ्यर्थी आयोग के अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार से मिलकर आयोग का रुख जानना चाहते हैं लेकिन अध्यक्ष से मुलाकात का समय नहीं मिल सका है। हालांकि सोमवार को प्रदर्शन के दौरान आयोग के उप सचिव ने अभ्यर्थियों का आश्वासन दिया है कि बुधवार को अध्यक्ष से मुलाकात करा दी जाएगी। अभ्यर्थी इस बार आश्वासन पर मानने को तैयार नहीं हैं, सो मंगलवार से उन्होंने एलटी समर्थक मोर्चा के तहत आयोग के सामने क्रमिक अनशन शुरू कर दिया।
मोर्चा संयोजक विक्की खान का कहना है कि अपेक्षित परिणाम नहीं मिले तो क्रमिक अनशन को आमरण अनशन में बदल दिया जाएगा। वहीं, मोर्चा प्रतिनिधि अनिल उपाध्याय का कहना है कि बुधवार को अध्यक्ष से होने वाली मुलाकात को लेकर प्रतियोगी छात्र बेचैन हैं, क्योंकि हिंदी और सामाजिक विज्ञान के रिजल्ट को लेकर छात्रों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। क्रमिक अनशन में शेर सिंह, मनोज वर्मा, अनिल मिश्र, अरविंद, शैलेंद्र कुमार, अरुण कुमार, नितिन चौधरी, धनंजय कुशवाहा, शिखा गुप्ता, प्रमोद रावत आदि मौजूद रहे।